बीकानेर का राठोड़ वंश The Rathore Dynasty Vansh of BIKANER Rajasthan GK Notes PDF. Who is the founder or establisher of Rathore Vansh Dynasty In BIKANER. बीकानेर की स्थापना किसने की ? बीकानेर का किला जूनागढ़ किसने बनवाया ? बीकानेर का राठोड़ वंश और मारवाड़ का राठोड़ वंश अलग कैसे हुए ? Where is the Junagarh Fort? who made Junagarh Fort ? इन सभी सवालों के जवाब इस पोस्ट में मिलेंगे और यह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है.
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राव बीका ( Rao Bika, Bikaner)
यह बीकानेर के राठोड़ वंश के संस्थापक है और ये जोधा के पांचवें पुत्र थे.
1468 ई. में बीकानेर नगर बसाया राव लूणकर्ण (कलियुग का कर्ण) राव जैतसी) राव जैतसी रो छंद-बीठू सोज नागरजोत 1542 पाहोबा का युद्ध राव जैतसी व मालदेव के मध्य हुआ। कल्याण मल रायसिंह 1465 ई. में जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पांचवे पुत्र बीका ने बीकानेर के राठौड़ वंश की नीव रखी। Rathore Vansh of BIKANER Rajasthan GK
1488 ई. में राती घाटी नामक स्थान पर बीकानेर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया। राव बीका के पश्चात् लूणकरण शासक बना अत्यधिक दानी प्रवृति का होने के कारण उसे कलियुग का कर्ण भी कहा जाता है। इसने लूणकरणसर की स्थापना की। लूणकरण के पश्चात् राव जैतसी बीकानेर का शासक था।
जैतसी के पुत्र कल्याणमल ने पहले शेरशाह सूरी की अधिनता स्वीकार की और उसके बाद 1570 ई. में नागौर के दरबार में अकबर की अधीनता स्वीकार की।
अकबर ने इसे गागरोण (झालावाड़) का दुर्ग उपहारस्वरूप दिया। पृथ्वीराज राठौड ने “डिंगल शैली में बैली किशन रूकमणी री” ग्रन की रचना की। इसका विवाह राणा प्रताप की भतीजी किरण देवी से हुआ। Rathore Vansh of BIKANER Rajasthan GK
रायसिंह राठौड़- बीकानेर का राठोड़ वंश
जन्म – 20 जुलाई 1541 ई. में, 1574 ई. बीकानेर का शासक बना। अकबर व जहांगीर की सेवा की। 1572 ई. में अकबर ने रायसिंह को मारवाड़ का गर्वनर नियुक्त किया। कठौली की लडाई- 1573 ई. में गुजरात के इब्राहिम हुसैन मिर्जा को शाही सेना के नेतृत्व में रायसिंह ने कठौती नामक स्थान पर पराजित किया। सम्राट अकबर ने रायसिंह के नेतृत्व में 1574 ई. में सिवाणा गढ़ पर अधिकार करने हेतु भेजा। Rathore Vansh of BIKANER Rajasthan GK अकबर ने इसे 4000 का मनसबदार बनाया। जहांगीर के शासनकाल में 5000 की मनसबदारी मिली।
अकबर व जहांगीर की तरफ से जूनागढ़ सोरठ, नागौर, शमशाबाद आदि जागीरें रायसिंह को मिली रायसिंह की वतन जागीर में 47 परगने थे। जहांगीर का रायसिंह में अत्यधिक विश्वास था। 1606 ई. में जहांगीर युद्ध के लिए राजधानी आगरा से बाहर गया तब आगरा की रक्षा के लिए रायसिंह को वहां नियुक्त किया।
- मुंशी देवी प्रसाद ने रायसिंह को राजपुताने का कर्ण कहा है।
- कर्मचंद की देखरेख में 1589-94 ई. जूनागढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया
- रायसिंह प्रशक्ति उत्कीर्ण करवाई।
- कर्मचंद वेषोत्कीर्तनकं काब्य में रायसिंह को “राजेन्द्र”कहा गया है।
- 1612 ई. बुहारनपुर में मृत्यु।
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गंगासिंह राठौड़ – (1887-1943 ) – Bikaner’s Rathod Vansh
गंगासिंह ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अपनी ऊंटो की सेना गंगा रिसाला चीन भेजी। इन्हे चीनी पदक से सम्मानित किया गया। 26 अक्टूबर 1927 को गंगानहर का उद्घाटन वायसराय इरविन द्वारा किया गया। इसी दिन से गंगानगर की स्थापना मानी जाती है।
महाराजा गंगासिंह को आधुनिक भारत का भागीरथ माना जाता है। इन्होने लंदन में आयोजित तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया। 1921 में नरेन्द्र मण्डल (चेम्बर ऑफ़ प्रिंसेज) के प्रथम चासलर गंगासिंह बनाये गये। Rathore Vansh of BIKANER Rajasthan GK PDF नोट्स .
महाराजा गंगासिंह के प्रतिरोध के कारण बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना कोलकत्ता में हुई। वर्ष 1943 में इनकी मृत्यु हो गयी। राजस्थान के एकीकरण के समय बीकानेर के शासक सार्दुल सिंह थे।
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