राजस्थान का एकीकरण Rajasthan ka ekikaran Notes PDF, Integration of Rajasthan. Rajasthan ka ekikaran kitne charno me hua? Ekikaran ke samay Rajasthan me kitni riyasaten thi?
Integration of Rajasthan राजस्थान का एकीकरण
- राजस्थान के एकीकरण के समय कुल 19 रियासतें 3 ठिकाने-लावा(जयपुर), कुशलगढ़(बांसवाड़ा) व नीमराना(अलवर) तथा एक चीफशिफ/ केन्द्रशाषित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा थे। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पुरा हुआ।इसके एकीकरण 8 वर्ष 7 महीनें 14 दिन का समय लगा। राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़(उदयपुर) थी।इसकी रियासत की स्थापना 565 ई. में गुहिल के द्वारा की गई।
- राजस्थान की सबसे नवीन रियासत झालावाड है।झालावाड़ को कोटा से अलग करके रियासत का दर्जा दिया गया और इसकी राजधानी पाटन रखी गयी। झालावाड़ अंग्रेजों के समय में स्थापित एकमात्र रियासत थी। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- एकीकरण से पुर्व राजस्थान में केन्द्र शासित प्रदेश- अजमेर- मेरवाडा
- सबसे प्राचीन रियासत – उदयपुर/मेवाड़
- सबसे नवीन रियासत – झालावाड़
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत- जोधपुर(मारवाड)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत- शाहपुरा
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत- जयपुर
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत- शाहपुरा
- अंग्रेजों के साथ संधि करने वाली राजस्थान की प्रथम रियासत – करौली(15 नवंम्बर, 1817 में)
- अंग्रेजों के साथ संधि करने वाली राजस्थान की द्वितीय रियासत – कोटा (दिसम्बंर, 1817 में)
- अंग्रेजों के साथ संधि करने वाली राजस्थान की अन्तिम रियासत- सिरोही(सितंम्बर, 1823 में)
- शिकार एक्ट घोसित करने वाली राजस्थान की प्रथम रियासत – टोंक (1901 में)
- डाक टिकट व पोस्टकार्ड जारी करने वाली प्रथम रियासत – जयपुर(1904 में)
- वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कानुन बनाने वाली प्रथम रियासत – जोधपुर(1910 में)
- वन्य अधिनियम पारित करने वाली प्रथम रियासत- अलवर 1935 में
- शिक्षा पर प्रतिबन्ध लगाने वाली प्रथम रियासत- डुंगरपुर
- जनतांत्रिक व पूर्ण उत्तरदायी शासक की स्थापना करने वाली प्रथम रियासत- शाहपुरा
- जनतांत्रिक व पूर्ण उत्तरदायी शासक की स्थापना न करने वाली रियासत-जैसलमेर Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- टोंक व जोधपुर रियासतें एकीकरण के समय पाकिस्तान में मिलना चाहती थी।
राजस्थान के एकीकरण से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य Important Facts About Integration of Rajasthan
- अलवर, भरतपुर व धौलपुर रियासतें एकीकरण के समय भाषायी समानता के आधार पर उत्तरप्रदेश में मिलना चाहती थी। भारत में केवल दो मुस्लिम रियासतें टोंक व पालनपुर (गुजरात) थी।
- एकीकरण के समय एक शर्त रखी गयी थी कि जिस रियासत की जनसंख्या 10 लाख व वार्षिक आय एक करोड़ रूपये हो वो रियासतें चाहे तो रियासत चाहे तो स्वतंत्र रह सकती है। या किसी में मिल सकती है। उपर्युक्त शर्त को पुरा करने वाली राजस्थान की रियासतें- बीकानेर, जोधपुर, जयपुर,उदयपुर।
- अलवर रियासत का सम्बंध महात्मा गांधी की हत्या से जुडा हुआ है महात्मा गांधी की हत्या के संदेह में अलवर के शासक तेजसिंह व दीवान एम.बी. खरे को दिल्ली में नजर बंद करके रखा था। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- अलवर रियासत ने भारत का प्रथम स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया।
- बांसवाड़ा के शासक चन्द्रवीर सिंह ने एकीकरण विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि ‘में अपने डेथ वारन्ट पर हस्ताक्षर कर रहा हुँ।’
- रियासती विभाग की स्थापना- जुलाई 1947 में की गई।
- रियासती विभाग का अध्यक्ष- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- रियासती विभाग का सदस्य सचिव- वी. पी. मेनन
- अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् का अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू का बनाया गया।
- एकीकरण के समय सर्वाधिक धरोहर राशि(पोते बाकि) जमा करवाने वाली रियासत बीकानेर थी।इसने 4 करोड़ 87 लाख की धरोहर राशि जमा करवाई। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
Rajasthan ke ekikaran ke samay Thikane (ठिकाने)
- नीमराणा (अलवर) — राव राजेन्द्र सिंह
- कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) —- राव हरेन्द्र सिंह
- लावा (जयपुर) — बंस प्रदीप सिंह
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा ठिकाना- कुशलगढ़ (बांसवाडा)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा ठिकाना- लावा (जयपुर)
- अजमेर -मेरवाड़ा की अलग से विघानसभा थी।जिसे धारा सभा के नाम से जाना जाता था।इसमें कुल 30 सदस्य थे।इसे ‘B’ श्रेणी का राज्य रखा था।
- अजमेर-मेरवाड़ा का प्रथम व एकमात्र मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय था।
- राजस्थान का एकीकरण कुल सात चरणों में 17/18 मार्च, 1948 से प्रारम्भ होकर 1 नवम्बर, 1956 को सम्पन्न हुआ, इसमें 8 वर्ष, 7 माह एवं 14 दिन का समय लगा। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
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राजस्थान का एकीकरण के चरण नोट्स PDF
Rajasthan के एकीकरण में कुल 7 चरण लगे, निम्न प्रकार है-
प्रथम चरण – मतस्य संघ 18 मार्च, 1948
- मत्स्य संघ- 4 रियासते + 1 ठिकाना
- अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली + नीमराणा (अलवर) ठिकाना
- सिफारिश- के. एम. मुन्शी की सिफारिश पर प्रथम चरण का नाम मत्स्य संघ रखा गया।
- राजधानी- अलवर
- राजप्रमुख- उदयमान सिंह (धौलपुर)
- उपराज प्रमुख- गणेशपाल देव
- प्रधानमंत्री- शोभाराम कुमावत
- उपप्रधानमंत्री- गोपीलाल यादव + जुगल किशोर चतुर्वेदी
- जुगल किशोर चतुर्वेदी को दुसरा जवाहरलाल नेहरू के उपनाम से जाना जाता है।
- उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाॅडविल (नरहरि विष्णु गाॅडविल)
दूसरा चरण- पूर्व राजस्थान 25 मार्च 1948- Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- पूर्व राजस्थान- 9 रियासतें + 1 ठिकाना
- डुंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंकटों , बुंदी, कोटा, झालावाड़ + कुशलगढ़(बांसवाड़ा)ठिकाना।
- राजधानी- कोटा
- राजप्रमुख- भीमसिंह (कोटा)
- उपराज प्रमुख- महारावल लक्ष्मणसिंग
- प्रधानमंत्री- गोकुल लाल असावा(शाहपुरा)
- उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाॅडविल- Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
तीसरा चरण- संयुक्त राजस्थान 18 अप्रैल, 1948
- संयुक्त राजस्थान- पूर्व राजस्थान + उदयपुर -10 रियासतें + 1 ठिकाना
- राजधानी- उदयपुर
- राजप्रमुख- भोपाल सिंह (उदयपुर)
- भोपालसिंह एकमात्र राजा एकीकरण के समय अपाहिज व्यक्ति था।
- उपराजप्रमुख- भीमसिंह
- प्रधानमंत्री- माणिक्यलाल वर्मा
- पं. जवाहरलाल नेहरू की सिफारिश पर बनाया।
- उद्घाटन कर्ता- पं. जवाहरलाल नेहरू, Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
चौथा चरण- वृहद राजस्थान 30 मार्च, 1949
- वृहद राजस्थान- संयुक्त राजस्थान + जयपुर + जोधपुर + जैसलमेर + बीकानेर + लावा ठिकाना – 14 रियासत + 2 ठिकाने
- राजधानी- जयपुर
- श्री पी. सत्यनारायण राव समिती की सिफारिश पर।
- महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
- राजप्रमुख- मानसिंह द्वितीय (जयपुर)
- उपराजप्रमुख- भीम सिंह
- प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री
इस चरण में 5 विभाग स्थापित किये गये जो निम्न है। Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- शिक्षा का विभाग- बीकानेर
- न्याय का विभाग- जोधपुर
- वन विभाग- कोटा
- कृषि विभाग- भरतपुर
- खनिज विभाग- उदयपुर
उद्घाटन कर्ता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
पांचवा चरण- संयुक्त वृहद् राजस्थान 15 मई, 1949- Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- संयुक्त वृहद् राजस्थान – वृहद राजस्थान + सत्स्य संघ
- सिफारिश- शंकरादेव समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ को वृहद राजस्थान में मिलाया गया।
- राजधानी- जयपुर
- महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
- राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय(जयपुर)
- प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री
- उद्घाटन कत्र्ता- सरदार वल्लभभाई पटेल Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
छठा चरण- राजस्थान संघ 26 जनवरी , 1950
- राजस्थान संघ- वृहतर राजस्थान + सिरोेही – आबु दिलवाड़ा
- राजधानी- जयपुर
- महाराज प्रमुख- भोपाल सिंह
- राजप्रमुख- मानसिंह द्वितीय
- प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री- हीरालाल शास्त्री
- 26 जनवरी,1950 को राजपुताना का नाम बदलकर राजस्थान रख दिया।
- 26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को ‘B’ या ‘ख’ श्रेणी का राज्य बनाया गया.
सतंवा चरण- वर्तमान राजस्थान 1 नवम्बर, 1956
- वर्तमान राजस्थान- राजस्थान संघ + आबु दिलवाड़ा + अजमेर मेरवाड़ा + सुनेल टप्पा – सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुर तहसील का सुनेल टप्पा राजस्थान के कोटा जिले में मिला दिया तथा झालावाड़ का सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश में मिला दिया गया।
- सिफारिश- राज्य पुर्नगठन आयोग अध्यक्ष- फैजल अली Rajasthan ka ekikaran Notes PDF
- राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन 1952 में किया गया और इसने अपनी रिपोर्ट 1956 में दी इसकी सिफारिश पर अजमेर-मेरवाड़ा आबु दिलवाड़ा तथा सुनेल टपा को राजस्थान में मिला दिया गया।इस आयोग में राजस्थान से एकमात्र सदस्य हद्यनाथ किजरन था।
राज्यपाल- गुरूमुख निहाल सिंह
मुख्यमंत्री- मोहनलाल सुखाडिया
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