Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf महर्षि पतंजलि योग सूत्र

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Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf
Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf

Summary of Patanjali Yoga Sutra In Hindi Pdf

पतंजलि योग सूत्र एक प्राचीन योग शास्त्र है, जिसे महर्षि पतंजलि ने संक्षेप में लिखा था। यह सूत्र समझने के लिए योगी और साधक को विभिन्न मार्गों और चरम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है।

पतंजलि योग सूत्र में आठ पाद (भाग) होते हैं:

  1. समाधि पाद: इस पाद में योग की परिभाषा और उसके लाभ बताए जाते हैं। समाधि, ध्यान, और समाधान के विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन किया जाता है।
  2. साधन पाद: इस पाद में योग के अभ्यास के उपाय बताए जाते हैं। इसमें आष्टांग योग की विधियाँ जैसे यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि का वर्णन होता है।
  3. विभूति पाद: इस पाद में योग के साधनाओं के परिणामस्वरूप योगी की अद्भुत शक्तियों और साधना के फल का वर्णन होता है।
  4. कैवल्य पाद: इस पाद में योगी की आत्म-मोक्ष और ब्रह्म-ज्ञान की प्राप्ति का वर्णन किया जाता है। यह पाद योग के अच्छे वर्तमान और उच्चतम लक्ष्य की ओर दिशा निर्देश प्रदान करता है।

Patanjali Yoga Sutra पतंजलि योग सूत्र अत्यंत मूल्यवान और सार्थक योग शास्त्र है, जो मन, शरीर, और आत्मा के सम्पूर्ण विकास के लिए मार्गदर्शन करता है। यह साधक को समृद्ध, स्वस्थ, और आनंदमय जीवन की ओर प्रेरित करता है।

बाबा रामदेव के द्वारा सिखाए जाने वाले प्रमुख योग

1- कपालभाति प्राणायाम।

2- अनुलोम विलोम प्राणायाम।

3- वाह्य प्राणायाम।

4- ताड़ासन

5- भुजंगासन

1. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam In Hindi) 

सर्वप्रथम सामान्य स्वास के साथ आरामदायक आसन में बैठ जाये। उसके बाद सामान्य रूप से स्वास अंदर और बाहर छोड़े। उसके बाद धीरे-धीरे तनाव को दूर करे। कोई जल्दीबाजी नहीं आराम-आराम से प्रयास करे और जब थक जाए तो एक ब्रेक ले

2- अनुलोम विलोम प्राणायाम

सर्वप्रथम अपनी आंखे बंद करके पद्मासद में बैठ जाये और हाथो को अपने घुटने पर रख ले। उसके बाद अपने अंगूठे से नाक के पहले छिद्र को बंद करे और धीरे-धीरे स्वास को अंदर ले और उसके बाद दूसरी नाक को बंद करे और पहली नाक के छिद्र से धीरे-धीरे स्वास को छोड़े। कम से कम 5 मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराये।

3. भस्त्रिका प्राणायाम:

श्वास प्रश्वास के साथ साँस बाहर और अंदर करने से शरीर के अंतर्गत वायुओं को साफ किया जाता है।

4. ताड़ासन

सीधे खड़े होकर उँचाई पर हाथ उठाने से कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है।

5. भुजंगासन

पेट के बल लेटकर ऊपर उठने से कमर और पीठ मजबूत होती है और अस्थमा और दिल की बीमारियों में लाभ मिलता है।

6. पद्मासन

इस आसन में बैठकर ध्यान किया जाता है जो मन को शांत करता है और ध्यान को बढ़ावा देता है।

7. शवासन

इस आसन में पूरे शरीर को धीरे-धीरे छोड़ते हुए विश्राम कराया जाता है, जिससे शरीर का तनाव कम होता है और मन शांत होता है।

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