राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan Updated Notes PDF download from here, Tourism in rajasthan, best tourist palace in rajasthan, paryatan trikon, prayatan circuit, बेस्ट पर्यटन स्थल राजस्थान, पर्यटन सर्किट राजस्थान नोट्स पीडीएफ़ rajasthan ke mele, rajasthan ke pramukh mahotsav, rajasthan ke mele tricks notes rajasthan unesko ki list me shamil sthan.
These Notes are very important for the competitive exams in rajasthan RPSC RAS, First grade teacher, 2nd grade teacher, REET, POLICE SI, POLICE CONSTABLE, Rajasthan Patwari, VDO, LDC, IA, Computer instructor.
Tourism Development in Rajasthan
राजस्थान में पर्यटन विकास
Rajasthan पर्यटन विभाग का पंचवाक्य – “भारत का अतुल्य राज्य!”।
- राजस्थान में सर्वाधिक पर्यटक(देशी व विदेशी दोनों) – 1. नों पुष्कर – अजमेर 2. माउण्ट आबू – सिरोही।
- राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक – जयपुर शहर में आते हैं।
- राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक – 1. फ्रांस 2. ब्रिटेन से आते हैं।
- पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान को 9 सर्किट 1 परिपथ में बांटा है। राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन एवं हॉस्पिटिलिटी क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए 2022-23 के बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की।
- मोहम्मद यूनूस समिति की सिफारिश पर 4 मार्च 1989 को पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा करने वाला राजस्थान भारत का प्रथम राज्य था।
- गौरतलब है कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की वर्ष 1989 से लेकर अब तक कई बार घोषणा हुई, लेकिन इसका समुचित रूप से क्रियान्वयन नहीं हो सका था। राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC)
स्थापना – 1978 में
मुख्यालय – जयपुर
कार्य-
- राजस्थान में पर्यटन विकास हेतु कार्यक्रम, नीतियां और योजनाएं तैयार करना।
- पर्यटन स्थल का रखरखााव करना।
- पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु मेले व महोत्सव को आयोजितकरना।
- पर्यटकों की सुविधा हेतु होटल, पर्यटन पुलिस एवम् गाईडों की व्यवस्था करना।
पर्यटन त्रिकोण
स्वर्णिम त्रिकोण – दिल्ली – आगरा – जयपुर
मरू त्रिकोण – जैसलमेर – बीकानेर – जोधपुर राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
पर्यटन सर्किट/परिपथ
- मरू सर्किट – जैसलमेर – बीकानेर – जोधपुर – बाड़मेर
- शेखावाटी सर्किट – सीकर – झुंझुनू
- ढुढाॅड सर्किट – जयपुर – दौसा – आमेर
- ब्रज मेवात सर्किट – अलवर – भरतपुर – सवाईमाधोपुर – टोंक
- हाड़ौती सर्किट – कोटा – बुंदी – बारा – झालावाड़
- मेरवाड़ा सर्किट – अजमेर – पुष्कर – मेड़ता – नागौर
- मेवाड़ सर्किट – राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा
- वागड़ सर्किट – बांसवाड़ा – डुंगरपुर
- गौड़वाड़ सर्किट – पाली – सिरोही – जालौर
राजस्थान के प्रमुख महोत्सव
1. अन्तराष्ट्रीय मरू महोत्सव — जैसलमेर — जनवरी – फरवरी
2. अन्तर्राष्ट्रीय थार महोत्सव — बाड़मेर — फरवरी – मार्च
3. तीज महोत्सव(छोटी तीज) — जयपुर — श्रावण शुक्ल तृतीया राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
4. कजली/बड़ी/सातूडी तीज — बूंदी — भाद्र कृष्ण तृतीया
5. गणगौर महोत्सव — जयपुर — चैत्र शुक्ल तृतीया
6. कार्तिक महोत्सव — पुष्कर, अजमेर — कार्तिक पूर्णिमा
7. वेणेश्वर महोत्सव — डुंगरपुर — माघ पूर्णिमा
8. ऊंट महोत्सव — बीकानेर — जनवरी
9. हाथि महोत्सव — जयपुर — मार्च
10. पतंग महोत्सव — जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर — जनवरी
11. बैलून महोत्सव — बाड़मेर — वर्ष में चार बार
12. मेवाड़ महोत्सव — उदयपुर — अप्रैल राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
13. मारवाड़ — जोधपुर — अक्टुबर
14. शरद कालीन महोत्सव — माउण्ट आबू — नवम्बर
15. ग्रीष्म कालीन महोत्सव — माउण्ट आबू — मई
16. शेखावटी महोत्सव — चुरू – सीकर – झुंझुनू — फरवरी
17. ब्रज महोत्सव — भरतपुर — फरवरी
राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित मेले व महोत्सव
1. पतंग महोत्सव – जयपुर
2. ऊंट महोत्सव – बीकानेर
3. मरू महोत्सव – जैसलमेर
4. थार महोत्सव – बाड़मेर
5. हाथी महोत्सव – जयपुर
6. शरद महोत्सव – माउंट आबू
7. मेवाड महोत्सव – उदयपुर
8. दशहरा महोत्सव – कोटा राजस्थान में पर्यटन विकास Tourism Development in Rajasthan
9 हिण्डोला महोत्सव – पुष्कर
यह भी पढ़ें – राजस्थान में पशु सम्पदा
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
राजस्थान में तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर (जयपुर), राजस्थान के पहाड़ी किले (चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्भोर, अम्बर, जैसलमेर)।
कुम्भलगढ़ दुर्ग को 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, इस दुर्ग की दीवार 38 किलोमीटर लम्बी है। इसे चीन की महान दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार माना जाता है।